[Pdf] Aigiri Nandini Lyrics in Bengali / Sanskrit / Marathi / English

SongAigiri Nandini
SingerMaithili Thakur
LyricsAdi Shankaracharya
LanguageBengali, Hindi, Sanskrit, Marathi, English

Aigiri Nandini Meaning in Bengali: Aigiri Nandini is written by Adi Shankaracharya. Maithili Thakur sang this version of Aigiri Nandini. You will find the lyrics of this bhajan in Bengali, Sanskrit, Marathi, English Language.

Aigiri Nandini Meaning in Bengali / Mahishasura Mardini Lyrics in Bengali

।।১।।
অয়ি গিরিনন্দিনি নন্দিতমেদিনি বিশ্ব-বিনোদিনি নন্দনুতে
গিরিবরবিন্ধ শিরো‌ধিনিবাসিনি বিষ্ণু-বিলাসিনি জিষ্ণুনুতে,
ভগবতি হে শিতিকণ্ঠ-কুটুম্বিণি ভূরিকুটুম্বিণি ভূরিকৃতে
জয় জয় হে মহিষাসুরমর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।২।।
সুরবরবর্ষিণি দুর্ধর ধর্ষিণি দুর্মুখমর্ষিণি হর্ষরতে
ত্রিভুবন পোষিণি শংকরতোষিণি কিল্বিষমোষিণি ঘোষরতে,
দনুজনিরোষিণি দিতিসুতরোষিণি দুর্মদ শোষিণি সিন্ধুসুতে
জয় জয় হে মহিষাসুরমর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।৩।।
অযি জগদম্ব মদম্ব কদম্ব বনপ্রিয়বাসিনি হাসরতে
শিখরিশিরোমণি তুঙ্গহিমালয় শৃংগনিজালয় মধ্যগতে,
মধু মধু রে মধুকৈটভ গঞ্জিনি কৈটভ ভঞ্জিনি রাসরতে
জয় জয় হে মহিষাসুরমর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।৪।।
অয়ি শতখণ্ড বিখণ্ডিতরুণ্ড বিতুণ্ডিতশুণ্ড গজাধিপতে
রিপুগজগণ্ড বিদারণচণ্ড পরাক্রমশুণ্ড মৃগাধিপতে,
নিজভুজ-দণ্ড নিপাতিত-খণ্ড বিপাতিত-মুণ্ড ভটাধিপতে
জয় জয় হে মহিষাসুরমর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।৫।।
অয়ি রণদুর্মদ শত্রুবধোদিত দুর্ধরনির্জর শক্তিভৃতে
চতুরবিচার ধুরীণ মহাশিবদূতকৃত প্রমথাধিপতে,
দুরিত দুরীহ দুরাশয় দুর্মতি দানবদূত কৃতান্তমতে
জয় জয় হে মহিষাসুর মর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।৬।।
অয়ি শরণাগত বৈরিবধূবর বীরবরাভয দায়করে
ত্রিভুবন মস্তক শূলবিরোধি শিরোধি কৃতামল শূলকরে,
দুমিদুমি তামর দুন্দুভিনাদ মহো মুখরীকৃত তিগ্মকরে
জয় জয় হে মহিষাসুরমর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।৭।।
অয়ি নিজ হুংকৃতি মাত্র নিরাকৃত ধূম্র বিলোচন ধূম্রশতে
সমর বিশোষিত শোণিত বীজ সমুদ্ভব শোণিত বীজলতে,
শিব শিব শুম্ভ নিশুম্ভ মহাহব তর্পিত ভূত পিশাচরতে
জয় জয় হে মহিষাসুরমর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।৮।।
ধনুরনুষঙ্গ রণক্ষণসঙ্গ পরিস্ফুরদঙ্গ নটৎকটকে
কনক পিশঙ্গ পৃষৎকনিষঙ্গ রসদ্ভট শৃংগ হতাবটুকে,
কৃত চতুরঙ্গ বলক্ষিতি রঙ্গ ঘটদ্বহুরঙ্গ রটদ্বটুকে
জয় জয় হে মহিষাসুরমর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।৯।।
সুরললনা ততথেয়ি তথেয়ি তথাভিনয়োদর নৃত্য় রতে
কৃত কুকুথ কুকুথো গডদাদিক তাল কুতূহল দানরতে,
ধুধুকুট ধুককুট দিহিং ধিমিত ধ্বনি ধীর মৃদঙ্গ নিনাদরতে
জয় জয় হে মহিষাসুর-মর্দিনি রম্য়কপর্দিনি শৈলসুতে।

।।১০।।
জয় জয় জপ্যজয়ে জয় শব্দপরস্তুতি তৎপর বিশ্বনুতে
ঝণঝণ ঝিঞ্জিমি ঝিঙ্কৃতনূপুর সিঞ্জিত মোহিত ভূতপতে,
নটিত নটার্ধ নটীনটনায়ক নাটিতনাট্য সুগানরতে
জয় জয় হে মহিষাসুরমর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।১১।।
অয়ি সুমনঃ সুমনঃ সুমনঃ সুমনঃ সুমনোহর কান্তিয়ুতে
শ্রিত রজনী রজনী রজনী রজনী রজনীকর বক্ত্রবৃতে,
সুনয়ন বিভ্রমর ভ্রমর ভ্রমর ভ্রমর ভ্রমরাধিপতে
জয় জয় হে মহিষাসুরমর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।১২।।
সহিত মহাহব মল্লম তল্লিক মল্লিত রল্লক মল্লরতে
বিরচিত বল্লিক পল্লিক মল্লিক ঝিল্লিক ভিল্লিক বর্গবৃতে,
সিতকৃত ফুল্লি সমুল্ল সিতা‌রুণ তল্লজ পল্লব সল্ললিতে
জয় জয় হে মহিষাসুর মর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।১৩।।
অবিরল গণ্ডগলন মদ মেদুর মত্ত মতঙ্গজ রাজপতে
ত্রিভুবন ভূষণভূত কলানিধি রূপ পয়োনিধি রাজসুতে,
অয়ি সুদতী জন লালস মানস মোহন মন্মধ রাজসুতে
জয় জয় হে মহিষাসুর মর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।১৪।।
কমল দলামল কোমল কান্তি কলা কলিতা‌মল ভালতলে
সকল বিলাস কলা নিলয়ক্রম কেলি চলতকল হংসকুলে,
অলিকুল সংকুল কুবলয় মন্ডল মৌলিমিলদভ কুলালিকুলে
জয় জয় হে মহিষাসুর-মর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।১৫।।
কর মুরলী রব বীজিত কূজিত লজ্জিত কোকিল মঞ্জু মতে
মিলিত পুলিন্দ মনোহর গুঞ্জিত রঞ্জিত শৈল নিকুঞ্জগতে,
নিজগণভূত মহাশবরীগণ সদগুণ-সংভৃত কেলিতলে
জয় জয় হে মহিষাসুর-মর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।১৬।।
কটিতট পীত দুকূল বিচিত্র ময়ূখ তিরস্কৃত চন্দ্ররুচে
প্রণত সুরাসুর মৌলিমণিস্ফুর দংশুল সন্নথ চন্দ্ররুচে,
জিত কনকাচল মৌলি পদোর্জিত নির্ভর কুঞ্জর কুম্ভকুচে
জয় জয় হে মহিষাসুর-মর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।১৭।।
বিজিত সহস্র করৈক সহস্র করৈক সহস্র করৈকনুতে
কৃত সুরতারক সঙ্গর তারক সঙ্গর তারকসূনু সুতে।
সুরথ সমাধি সমান সমাধি সমাধি সমাধি সুজাত রতে
জয় জয় হে মহিষাসুর-মর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।১৮।।
পদকমলং করুণানিলয়ে বরিবস্য়তি য়ো‌নুদিনং ন শিবে
অয়ি কমলে কমলানিলয়ে কমলানিলয়ঃ স কথং ন ভবেত,
তব পদমেব পরম্পদ-মিত্য়নুশীলয়তো মম কিং ন শিবে
জয় জয় হে মহিষাসুর-মর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।১৯।।
কনকলসত্কল-সিন্ধুজলৈরনু সিঞ্জিনুতে গুণ রঙ্গভুবম
ভজতি স কিং নু শচীকুচকুম্ভত তটী পরিরম্ভ সুখানুভবম,
তব চরণং শরণং করবাণি নতামরবাণি নিবাশি শিবম
জয় জয় হে মহিষাসুর-মর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।২০।।
তব বিমলে‌ন্দু কলং বদনেন্দু মলং সকলং ননু কূলয়তে
কিমু পুরুহূত-পুরীংদুমুখী-সুমুখীভিরসৌ-বিমুখী-ক্রিয়তে,
মম তু মতং শিবনাম-ধনে ভবতী-কৃপয়া কিমুত ক্রিয়তে
জয় জয় হে মহিষাসুর-মর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে।

।।২১।।
অয়ি ময়ি দীনদয়ালুতয়া করুণাপরয়া ভবিতব্য়মুমে
অয়ি জগতো জননী কৃপয়াসি য়থাসি তথানু মিতাসি রতে,
য়দুচিতমত্র ভবত্য়ুররী কুরুতা-দুরুতাপম পাকুরুতে
জয় জয় হে মহিষাসুর-মর্দিনি রম্যকপর্দিনি শৈলসুতে,
জয় জয় হে মহিষাসুর-মর্দিনি রম্য়কপর্দিনি শৈলসুতে।


Aigiri Nandini Lyrics in Sanskrit

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥

सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते
त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते
दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २ ॥

अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रियवासिनि हासरते
शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमलय शृङ्गनिजालय मध्यगते ।
मधुमधुरे मधुकैटभगञ्जिनि कैटभभञ्जिनि रासरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ३ ॥

अयि शतखण्ड विखण्डितरुण्ड वितुण्डितशुण्द गजाधिपते
रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते ।
निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ४ ॥

अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते
चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते ।
दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदुत कृतान्तमते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ५ ॥

अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे
त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुलकरे ।
दुमिदुमितामर धुन्दुभिनादमहोमुखरीकृत दिङ्मकरे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ६ ॥

अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते
समरविशोषित शोणितबीज समुद्भवशोणित बीजलते ।
शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ७ ॥

धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके
कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हताबटुके ।
कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ८ ॥

सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते
कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते ।
धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदंग निनादरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ९ ॥

जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते
झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुरशिञ्जितमोहित भूतपते ।
नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १० ॥

अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते
श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्रवृते ।
सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमराधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ ११ ॥

सहितमहाहव मल्लमतल्लिक मल्लितरल्लक मल्लरते
विरचितवल्लिक पल्लिकमल्लिक झिल्लिकभिल्लिक वर्गवृते ।
शितकृतफुल्ल समुल्लसितारुण तल्लजपल्लव सल्ललिते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १२ ॥

अविरलगण्ड गलन्मदमेदुर मत्तमतङ्गजराजपते
त्रिभुवनभूषण भूतकलानिधि रूपपयोनिधि राजसुते ।
अयि सुदतीजन लालसमानस मोहन मन्मथराजसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १३ ॥

कमलदलामल कोमलकान्ति कलाकलितामल भाललते
सकलविलास कलानिलयक्रम केलिचलत्कल हंसकुले ।
अलिकुलसङ्कुल कुवलयमण्डल मौलिमिलद्बकुलालिकुले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १४ ॥

करमुरलीरव वीजितकूजित लज्जितकोकिल मञ्जुमते
मिलितपुलिन्द मनोहरगुञ्जित रञ्जितशैल निकुञ्जगते ।
निजगणभूत महाशबरीगण सद्गुणसम्भृत केलितले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १५ ॥

कटितटपीत दुकूलविचित्र मयुखतिरस्कृत चन्द्ररुचे
प्रणतसुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुलसन्नख चन्द्ररुचे
जितकनकाचल मौलिमदोर्जित निर्भरकुञ्जर कुम्भकुचे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १६ ॥

विजितसहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते
कृतसुरतारक सङ्गरतारक सङ्गरतारक सूनुसुते ।
सुरथसमाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते ।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १७ ॥

पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं सुशिवे
अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत् ।
तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १८ ॥

कनकलसत्कलसिन्धुजलैरनुषिञ्चति तेगुणरङ्गभुवम्
भजति स किं न शचीकुचकुम्भतटीपरिरम्भसुखानुभवम् ।
तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम्
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १९ ॥

तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते
किमु पुरुहूतपुरीन्दु मुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते ।
मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २० ॥

अयि मयि दीन दयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे
अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते ।
यदुचितमत्र भवत्युररीकुरुतादुरुतापमपाकुरुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २१ ॥

Aigiri Nandini Lyrics in Marathi

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१॥

सुरवर वर्षिणि दुर्धर धर्षिणि दुर्मुख मर्षिणि हर्षरते
त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिष मोषिणि घोषरते
दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥२॥

अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रिय वासिनि हासरते
शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमालय शृङ्गनिजालय मध्यगते
मधुमधुरे मधुकैटभ गञ्जिनि कैटभ भञ्जिनि रासरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥३॥

अयि शतखण्ड विखण्डित रुण्ड वितुण्डित शुंड गजाधिपते
रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते
निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥४॥

अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते
चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते
दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदुत कृतान्तमते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥५॥

अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे
त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुलकरे
दुमिदुमितामर धुन्दुभिनाद महोमुखरीकृत दिङ्मकरे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥६॥

अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते
समरविशोषित शोणितबीज समुद्भव शोणित बीजलते
शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥७॥

धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके
कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हताबटुके
कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥८॥

सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते
कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते
धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदङ्ग निनादरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥९॥

जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते
झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुर शिञ्जितमोहित भूतपते
नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१०॥

अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते
श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्रवृते
सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमराधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥११॥

सहितमहाहव मल्लमतल्लिक मल्लितरल्लक मल्लरते
विरचितवल्लिक पल्लिकमल्लिक झिल्लिकभिल्लिक वर्गवृते
शितकृतफुल्ल समुल्लसितारुण तल्लजपल्लव सल्ललिते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१२॥

अविरलगण्ड गलन्मदमेदुर मत्तमतङ्ग जराजपते
त्रिभुवनभुषण भूतकलानिधि रूपपयोनिधि राजसुते
अयि सुदतीजन लालसमानस मोहन मन्मथराजसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१३॥

कमलदलामल कोमलकान्ति कलाकलितामल भाललते
सकलविलास कलानिलयक्रम केलिचलत्कल हंसकुले
अलिकुलसङ्कुल कुवलयमण्डल मौलिमिलद्बकुलालिकुले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१४॥

करमुरलीरव वीजितकूजित लज्जितकोकिल मञ्जुमते
मिलितपुलिन्द मनोहरगुञ्जित रञ्जितशैल निकुञ्जगते
निजगुणभूत महाशबरीगण सद्गुणसम्भृत केलितले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१५॥

कटितटपीत दुकूलविचित्र मयुखतिरस्कृत चन्द्ररुचे
प्रणतसुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुलसन्नख चन्द्ररुचे
जितकनकाचल मौलिमदोर्जित निर्भरकुञ्जर कुम्भकुचे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१६॥

विजितसहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते
कृतसुरतारक सङ्गरतारक सङ्गरतारक सूनुसुते
सुरथसमाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१७॥

पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं सुशिवे
अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत्
तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१८॥

कनकलसत्कल सिन्धुजलैरनु षिञ्चतितेगुण रङ्गभुवम्
भजति स किं न शचीकुचकुम्भ तटीपरिरम्भ सुखानुभवम्त
व चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम्
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥१९॥

तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते
किमु पुरुहूतपुरीन्दु मुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते
मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥२०॥

अयि मयि दीन दयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे
अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते
। यदुचितमत्र भवत्युररी कुरुतादुरुता पमपाकुरुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ २१॥

श्री श्री आदिशंकराचार्यविरचितम् महिषासुरमर्दिनिस्तोत्रम्


Aigiri Nandini Lyrics in Hindi

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते।
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 1 ॥

सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते
त्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते
दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 2 ॥

अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्ब वनप्रियवासिनि हासरते
शिखरि शिरोमणि तुङ्गहिमालय शृङ्गनिजालय मध्यगते।
मधुमधुरे मधुकैटभगञ्जिनि कैटभभञ्जिनि रासरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 3 ॥

अयि शतखण्ड विखण्डितरुण्ड वितुण्डितशुण्द गजाधिपते
रिपुगजगण्ड विदारणचण्ड पराक्रमशुण्ड मृगाधिपते।
निजभुजदण्ड निपातितखण्ड विपातितमुण्ड भटाधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 4 ॥

अयि रणदुर्मद शत्रुवधोदित दुर्धरनिर्जर शक्तिभृते
चतुरविचार धुरीणमहाशिव दूतकृत प्रमथाधिपते।
दुरितदुरीह दुराशयदुर्मति दानवदुत कृतान्तमते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 5 ॥

अयि शरणागत वैरिवधुवर वीरवराभय दायकरे
त्रिभुवनमस्तक शुलविरोधि शिरोऽधिकृतामल शुलकरे।
दुमिदुमितामर धुन्दुभिनादमहोमुखरीकृत दिङ्मकरे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 6 ॥

अयि निजहुङ्कृति मात्रनिराकृत धूम्रविलोचन धूम्रशते
समरविशोषित शोणितबीज समुद्भवशोणित बीजलते।
शिवशिवशुम्भ निशुम्भमहाहव तर्पितभूत पिशाचरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 7 ॥

धनुरनुषङ्ग रणक्षणसङ्ग परिस्फुरदङ्ग नटत्कटके
कनकपिशङ्ग पृषत्कनिषङ्ग रसद्भटशृङ्ग हताबटुके।
कृतचतुरङ्ग बलक्षितिरङ्ग घटद्बहुरङ्ग रटद्बटुके
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 8 ॥

सुरललना ततथेयि तथेयि कृताभिनयोदर नृत्यरते
कृत कुकुथः कुकुथो गडदादिकताल कुतूहल गानरते।
धुधुकुट धुक्कुट धिंधिमित ध्वनि धीर मृदङ्ग निनादरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 9 ॥

जय जय जप्य जयेजयशब्द परस्तुति तत्परविश्वनुते
झणझणझिञ्झिमि झिङ्कृत नूपुरशिञ्जितमोहित भूतपते।
नटित नटार्ध नटी नट नायक नाटितनाट्य सुगानरते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 10 ॥

अयि सुमनःसुमनःसुमनः सुमनःसुमनोहरकान्तियुते
श्रितरजनी रजनीरजनी रजनीरजनी करवक्त्रवृते।
सुनयनविभ्रमर भ्रमरभ्रमर भ्रमरभ्रमराधिपते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 11 ॥

सहितमहाहव मल्लमतल्लिक मल्लितरल्लक मल्लरते
विरचितवल्लिक पल्लिकमल्लिक झिल्लिकभिल्लिक वर्गवृते।
शितकृतफुल्ल समुल्लसितारुण तल्लजपल्लव सल्ललिते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 12 ॥

अविरलगण्ड गलन्मदमेदुर मत्तमतङ्ग जराजपते
त्रिभुवनभुषण भूतकलानिधि रूपपयोनिधि राजसुते।
अयि सुदतीजन लालसमानस मोहन मन्मथराजसुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 13 ॥

कमलदलामल कोमलकान्ति कलाकलितामल भाललते
सकलविलास कलानिलयक्रम केलिचलत्कल हंसकुले।
अलिकुलसङ्कुल कुवलयमण्डल मौलिमिलद्बकुलालिकुले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 14 ॥

करमुरलीरव वीजितकूजित लज्जितकोकिल मञ्जुमते
मिलितपुलिन्द मनोहरगुञ्जित रञ्जितशैल निकुञ्जगते।
निजगणभूत महाशबरीगण सद्गुणसम्भृत केलितले
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 15 ॥

कटितटपीत दुकूलविचित्र मयुखतिरस्कृत चन्द्ररुचे
प्रणतसुरासुर मौलिमणिस्फुर दंशुलसन्नख चन्द्ररुचे
जितकनकाचल मौलिमदोर्जित निर्भरकुञ्जर कुम्भकुचे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 16 ॥

विजितसहस्रकरैक सहस्रकरैक सहस्रकरैकनुते
कृतसुरतारक सङ्गरतारक सङ्गरतारक सूनुसुते ।
सुरथसमाधि समानसमाधि समाधिसमाधि सुजातरते ।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 17 ॥

पदकमलं करुणानिलये वरिवस्यति योऽनुदिनं सुशिवे
अयि कमले कमलानिलये कमलानिलयः स कथं न भवेत् ।
तव पदमेव परम्पदमित्यनुशीलयतो मम किं न शिवे
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 18 ॥

कनकलसत्कलसिन्धुजलैरनुषिञ्चति तेगुणरङ्गभुवम्
भजति स किं न शचीकुचकुम्भतटीपरिरम्भसुखानुभवम् ।
तव चरणं शरणं करवाणि नतामरवाणि निवासि शिवम्
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 19 ॥

तव विमलेन्दुकुलं वदनेन्दुमलं सकलं ननु कूलयते
किमु पुरुहूतपुरीन्दु मुखी सुमुखीभिरसौ विमुखीक्रियते ।
मम तु मतं शिवनामधने भवती कृपया किमुत क्रियते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 20 ॥

अयि मयि दीन दयालुतया कृपयैव त्वया भवितव्यमुमे
अयि जगतो जननी कृपयासि यथासि तथानुमितासिरते ।
यदुचितमत्र भवत्युररीकुरुतादुरुतापमपाकुरुते
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ 21 ॥

Aigiri Nandini Lyrics in English

Ayi Giri-Nandini Nandita-Medini Vishva-Vinodini Nandi-Nute
Giri-Vara-Vindhya-Shiro-[A]dhi-Nivaasini Vissnnu-Vilaasini Jissnnu-Nute
Bhagavati He Shiti-Kannttha-Kuttumbini Bhuri-Kuttumbini Bhuri-Krte
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Sura-Vara-Varssinni Durdhara-Dharssinni Durmukha-Marssinni Harssa-Rate
Tribhuvana-Possinni Shangkara-Tossinni Kilbissa-Mossinni Ghossa-Rate
Danuja-Nirossinni Diti-Suta-Rossinni Durmada-Shossinni Sindhu-Sute
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Ayi Jagad[t]-Amba Mad-Amba Kadamba Vana-Priya-Vaasini Haasa-Rate
Shikhari Shiro-Manni Tungga-Himalaya Shrngga-Nija-[Aa]laya Madhya-Gate
Madhu-Madhure Madhu-Kaittabha-Gan.jini Kaittabha-Bhan.jini Raasa-Rate
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Ayi Shata-Khanndda Vikhannddita-Runndda Vitunnddita-Shunnda Gaja-[A]

dhipate
Ripu-Gaja-Ganndda Vidaaranna-Canndda Paraakrama-Shunndda Mrga-[A]

dhipate
Nija-Bhuja-Danndda Nipaatita-Khanndda Vipaatita-Munndda Bhatta-[A]

dhipate
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Ayi Ranna-Durmada Shatru-Vadho[a-U]dita Durdhara-Nirjara Shakti-Bhrte
Catura-Vicaara Dhuriinna-Mahaashiva Duuta-Krta Pramatha-[A]dhipate
Durita-Duriiha Duraashaya-Durmati Daanava-Duta Krtaanta-Mate
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Ayi Sharannaagata Vairi-Vadhuvara Viiravara-[A]bhaya Daaya-Kare
Tri-Bhuvana-Mastaka Shula-Virodhi Shiro-[A]dhikrta-[A]mala Shula-Kare
Dumi-Dumi-Taamara Dhundubhi-Naadam-Aho-Mukhariikrta Dingma-Kare
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Ayi Nija-Hungkrti Maatra-Niraakrta Dhumravilocana Dhumra-Shate
Samara-Vishossita Shonnita-Biija Samudbhava-Shonnita Biija-Late
Shiva-Shiva-Shumbha Nishumbha-Mahaahava Tarpita-Bhuta Pishaaca-Rate
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Dhanur-Anussangga Ranna-Kssanna-Sangga Parisphurad-Angga Nattat-Kattake
Kanaka-Pishangga Prssatka-Nissangga Rasad-Bhatta-Shrngga Hataa-Battuke
Krta-Caturangga Bala-Kssiti-Rangga Ghattad-Bahu-Rangga Rattad-Battuke
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Sura-Lalanaa Tatatheyi Tatheyi Krta-Abhinayo-[U]dara Nrtya-Rate
Krta Kukuthah Kukutho Gaddadaadika-Taala Kutuuhala Gaana-Rate
Dhudhukutta Dhukkutta Dhimdhimita Dhvani Dhiira Mrdamga Ninaada-Rate
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Jaya Jaya Japya Jaye-Jaya-Shabda Para-Stuti Tat-Para-Vishva-Nute
Jhanna-Jhanna-Jhin.jhimi Jhingkrta Nuupura-Shin.jita-Mohita Bhuuta-Pate
Nattita Nattaardha Nattii Natta Naayaka Naattita-Naattya Su-Gaana-Rate
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Ayi Sumanah-Sumanah-Sumanah Sumanah-Sumanohara-Kaanti-Yute
Shrita-Rajanii Rajanii-Rajanii Rajanii-Rajanii Kara-Vaktra-Vrte
Sunayana-Vi-Bhramara Bhramara-Bhramara Bhramara-Bhramara-[A]dhipate
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Sahita-Mahaahava Mallama-Tallika Malli-Tarallaka Malla-Rate
Viracita-Vallika Pallika-Mallika Jhillika-Bhillika Varga-Vrte
Shita-Krta-Phulla Samullasita-[A]runna Tallaja-Pallava Sal-Lalite
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Avirala-Ganndda Galan-Mada-Medura Matta-Matangga ja-Raaja-Pate
Tri-Bhuvana-Bhussanna Bhuuta-Kalaanidhi Ruupa-Payo-Nidhi Raaja-Sute
Ayi Sudatii-Jana Laalasa-Maanasa Mohana Manmatha-Raaja-Sute
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Kamala-Dala-[A]mala Komala-Kaanti Kalaa-Kalita-[A]mala Bhaalalate
Sakala-Vilaasa Kalaa-Nilaya-Krama Keli-Calat-Kala Hamsa-Kule
Alikula-Sangkula Kuvalaya-Mannddala Mouli-Milad-Bakula-Ali-Kule
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Kara-Muralii-Rava Viijita-Kuujita Lajjita-Kokila Man.ju-Mate
Milita-Pulinda Manohara-Gun.jita Ran.jita-Shaila Nikun.ja-Gate
Nija-Ganna-Bhuuta Mahaa-Shabarii-Ganna Sad-Gunna-Sambhrta Keli-Tale
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Kattitatta-Piita Dukuula-Vicitra Mayukha-Tiraskrta Candra-Ruce
Prannata-Suraasura Mouli-Manni-Sphura d-Amshula-Sannakha Candra-Ruce
Jita-Kanaka-[A]cala Mouli-Mado[a-Uu]rjita Nirbhara-Kun.jara Kumbha-Kuce
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Vijita-Sahasra-Karaika Sahasra-Karaika Sahasra-Karaika-Nute
Krta-Sura-Taaraka Sanggara-Taaraka Sanggara-Taaraka Suunu-Sute
Suratha-Samaadhi Samaana-Samaadhi Samaadhi-Samaadhi Sujaata-Rate |
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Pada-Kamalam Karunnaa-Nilaye Varivasyati Yo-[A]nudinam Su-Shive
Ayi Kamale Kamalaa-Nilaye Kamalaa-Nilayah Sa Katham Na Bhavet
Tava Padam-Eva Param-Padam-Ity-Anushiilayato Mama Kim Na Shive
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Kanaka-Lasat-Kala-Sindhu-Jalair-Anussin.cati Te-Gunna-Rangga-Bhuvam
Bhajati Sa Kim Na Shacii-Kuca-Kumbha-Tattii-Parirambha-Sukha-[A]

nubhavam
Tava Carannam Sharannam Kara-Vaanni Nata-Amara-Vaanni Nivaasi Shivam
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Tava Vimale[a-I]ndu-Kulam Vadane[a-I]ndu-Malam Sakalam Nanu Kuula-Yate
Kimu Puruhuuta-Purii-Indu Mukhii Sumukhiibhir-Asou Vimukhii-Kriyate
Mama Tu Matam Shiva-Naama-Dhane Bhavatii Krpayaa Kimuta Kriyate
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

Ayi Mayi Diina Dayaalu-Tayaa Krpaya-Iva Tvayaa Bhavitavyam-Ume
Ayi Jagato Jananii Krpayaasi Yathaasi Tathanu-mita-Asira-Te
Yad-Ucitam-Atra Bhavatyurarii-Kurutaa-Duru-Taapam-Apaakurute
Jaya Jaya He Mahissaasura-Mardini Ramya-Kapardini Shaila-Sute

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